क्या है,लाई - फाई (Li-Fi ) ?आइये समझते हैं, एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक से जो वाइ -फाई(Wi-Fi) से 100 सौ गुना ज्यादा तेज है!
What is Li-Fi?
यह प्रकाश पर आधारित संचार (कम्युनिकेशंस) तकनीक है , जो वाय-फाय(Wi-Fi ) की
ही तरह है , जो उच्च गति एवं किसी भी
नेटवर्क या मोबाइल नेटवर्क पर दोनों दोनों दिशाओं में एक ही समय पर कम्यूनिकेट करने वाले माध्यम है ,
इसे पहले से उपलब्ध वायर्ड एवं वायरलेस नेटवर्क पर इम्प्लीमेंट किया जा सकता
है, एवं बहुत तेजी से डेटा को डाउनलोड करने के काम में भी लिया जा सकता है. इसे प्रोफेसर
हेराल्ड हास (mobile communications at the
University of Edinburgh)
ने इज़ाद किया है, जो प्योर लाइफ़ाई के सी.एस .ओ.
(PureLiFi’s CSO) हैं .
लाई फाई में डेटा का ट्रांसफर प्रकाश की तीव्रता एवं उसके फ़ैलाने में होता है
, इनके सिंग्लेनस को फोटो सेंसेटिव डिडक्टर(प्रकाश के कणों के प्रति सवेदनशीलता रखने
वाला उपकरण) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म
में परिवर्तित कर देता है , यह क्रिया इस तरह
से होती है कि इस प्रकार की क्रिया मानवीय आँखों से दिखाई नहीं देती है |
लाई फाई को हम ओ.डबलू .सी. (ऑप्टिकल वायरलेस कम्युनिकेशन) की श्रेणी में रख
सकते हैं .
ओ.डबलू.सी. में इंफ्रा रेड,अल्ट्रा
वॉयलेट एवं विज़िबल लाइट यानि (LED प्रकाश
(लुमिन्स) ) शामिल है , इस प्रकार
LED प्रकाश के कारन हम लाई फाई को यूनिक
रख सकते हैं और साथ ही साथ इसे सामान्य नेटवर्क्स
में भी पूरक की तरह से उपयोग कर सकते हैं|
लाई फाई कैसे काम करता है , चित्र पर क्लिक कर आसानी से समज सकते है !
लाई फाई की कुछ कमिया है , जिसके कारन वाइ -फाइ अभी भी प्रासंगिक है ,
अभी यह एल इ डी बल्ब के उपयोग से ही
काम में लाई जा सकती है , चूँकि यह तकनीक दिखाई
देने वाले प्रकाश से ही उपयोगी है इस लिए हम
इसका उपयोग अलग अलग कमरों एवं दिवार के पार नहीं
कर सकतें हैं . और पब्लिक वाय फाय से अभी पूरी तरह से रिप्लेस नहीं किया जा
सकता है .
इसे विज़िबल लाइट कम्युनिकेशन भी कह सकतें हैं
सोर्स :- प्योर लाइफ़ाई से साभार
- इसे भविष्य का इंटरनेट भी कह सकतें हैं
- प्रकाश का एक दूसरा उपयोग भी कह सकतें हैं
- इसे इंटीग्रेटेड सिस्टम भी कह सकतें हैं यानि इसकाहमारे पास पहले से उपस्थित संसाधनों, नेटवर्क्स के साथ एक पूरक के तौर पर भी उपयोग कर सकतें हैं
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