Hinglish Notes: Women's-Day-8-March-ईश्वर-सृष्टि-और-नारी

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Tuesday, March 8, 2016

Women's-Day-8-March-ईश्वर-सृष्टि-और-नारी


ईश्वर सृष्टि और नारी 


एक बच्चे ने 
अपनी माँ को रोते देखा तो पापा से पुछा माँ क्यों रोती है.??
पापा ने जवाब दिया सारी औरते बिना बात के रोती है.
बच्चा कुछ समझ ना पाया और वो बड़ा हो गया.😕
एक दिन उसने भगवान से पूछा कि औरत क्यों रोती है बिना बात के.?
भगवान ने जवाब दिया,
जब मै औरत को बना रहा था, तो मैने फैसला किया कि उसे कुछ खास बनाना हैं,....
मैनें उसके कँधे मजबूत बनाये, ताकि वह दुनियादारी का बोझ उठा सके।

क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?

उसके बाहों को कोमल बनाया, ताकि बच्चों को आराम महसूस हो सके।
मैनें उसे इतनी आत्मशक्ति दी, ताकि वह नये जीव को धरती पर ला सके ।

मैनें उसे साहसी बनाया, ताकि मुशकिल वक्त में वह चट्टान की तरह खड़ी रहे और अपने परिजनो का ख्याल रख सके।
मैनें उसे संवेदनशील और विवेकी बनाया, ताकि वह सबकी मदद कर सके और माफ कर सके।
और मैनें उसकी आखों में आँसू दिये, ताकि वो अपने दु:ख को कम कर सके ।!
स्त्री का सम्मान कीजिए...
स्त्री में जन्मजात संतुलन है, वह कई कार्य धर्य खोए बिना कर सकती है |
बच्चे का जब जन्म होता है, सबसे पहले परमात्मा को पता चलता है, फिर माँ को और फिर वह अपने पति को खबर देती है |
सीता-राम, राधा-कृष्न में उन्हें पहले पुकारा जाता है |
संबोधन करना हो तो हमेशा यही कहा जाता है -- देवियों और सज्जनों, न कि देवियों और देवताओं |
बच्चा सबसे पहले माँ बोलना सीखता है |
जब भी कोई तकलीफ आती है, तो मूँह से यही निकलता है - हे माँ !
वह इतनी सामर्थ है कि अवतारों, पीर-पैगम्बरों और महान संतों, भगतो को और शूरवीरों को जन्म दे सकती है |

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