What is The Science of Persuasion & influence ?
कोई भी किसी बात पर क्यों सहमत होता है और किया जा सकता है?
डॉक्टर रोबर्ट सिल्दिनी (Robert Cialdini)के सिंद्धांत
द साइंस ऑफ़ पर्सुएशन : एक ऐसा मानव विज्ञानं , ऐसे कुछ सिद्धांत , जिसके प्रयोग से हम ,दूसरे व्यक्ति को हमारे दवरा कही गयी बात का यक़ीन दिल सकें और विस्वाश जीत सकें.
यानि कैसे दूसरे व्यक्ति को हमारी बातों से सहमत किया जाये . हम ऐसा ही आचरण करने की कोशिस करते रहते है की दूसरों को कैसे प्रभावित की जाएँ और हमारी इच्छा पूरी की जाये
साधारणतया हम सभी जाने - अनजाने स्वभावतया दूसरों को अपनी बात से प्रभावित करने की कोशिश में लगे रहते है ,दुनिया के हर क्षेत्र (राजनीती , अध्यात्म , व्यवसाय, ऑफिस , नौकरी , बोस -कर्मचारी , फेसबुक , ट्विटर आदि ) में दूसरों को प्रभवित करने का प्रयास ही होता है ,
यह एक बहुत बड़ा और जटिल विषय है
लेकिन यहाँ हम बात करेंगे मार्केटिंग की (वस्तुओं का विक्रय कैसे करें) , और घटनाओं एव उदाहरण के द्वारा इन छ : मनोवैज्ञानिक सिद्धांतो को समजेंगे की कोई भी किसी बात पर क्यों सहमत होता है और किया जा सकता है
सबसे पहले कुछ अंग्रेजी हिंदी के प्रयोग में आने वाले इन छ पारिभाषिक सिदंतिक शब्दों को दिमाग में बिठा लें
1. रेसिप्रोसिटी
(प्रतिफल चुकाना)
2. स्कार्सिटी
(shortage, दुर्लभता)
3. अथॉरिटी (Make decisions, and
enforce obedience, अधिकार)
4. कंसिस्टेंसी
((परफॉरमेंस व्हिच डस नोट वेरी ग्रेअटली इन क्वालिटी ओवर टाइम ).
समय के साथ परिणाम और गुणवत्ता में स्थिरता)
5. लिकिंग ((ए फीलिंग ऑफ़ रेगार्ड और फोंडनेस ).किसी से जुड़ाव होना , पसंद होना )
6. कन्सेंसस (ए जनरल एग्रीमेंट . आम राय )
हम किसी की सहमति प्राप्त करने के लिए क्या क्या कर सकतें हैं , व्यकति को हमारी बात पर यक़ीन दिलाने के लिए व्यक्ति को कारण और तर्क देंगे .
दूसरी बात हम यहाँ समजतें हैं कि
हम निर्णय कैसे लेते हैं (How we make
Decisions ,This is rule of thumb is that
) ,
मनुष्य स्वभावत कम मेहनत में परिणाम चाहता है यानि वह हमेशा ही इसी कोशिश में लगा रहता है कि (एक ही पत्थर से दो शिकार कैसे हों), हम जब भी निर्णय लेने कि जरूरत होती है तो हम किसी बात कि तह में नहीं जाते है ,ज्यादा विचार नहीं करते , हम अनायास स्वभावतया ही कोई आसान जरिए ढूंढते है जो निर्णय को आसान और सन्तुस्टी प्रदान करे ,
हम निर्णय लेते समय ज्यादा इन छह बातों का ही ध्यान रखतें हैं ,(इस बात को हमें सकारात्मक लेना चाइये क्योंकि साधारणतया ज्यादा सोचने कि अपेक्षा काम पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी है )
रेसिप्रोसिटी(प्रतिफल चुकाना):-
एक दूसरे को उपकृत करना मानवीय स्वभाव है यदि आप किसी को एक बार कुछ सहायता करते हैं या किसी का फेवर लेते हैं तो यह जरूरी है कि सामने वाला भी व्यवहारिक रुप से आपका सहयोग करेगा उदाहरण के लिए अगर आपने ऑफिस में किसी का सहयोग किया या फिर वह लिया है तो निश्चित तौर से इसकी आशा ज्यादा हो जाती है कि वह स्वतह ही आपके उपकार का बदला चुका है का यह सामान मत देखा गया है कि अगर कोई आप से oblige है तो वह आप की हां में ही करेगा
इसी चीज के आधार पर twitter ने अपना विकास किया है facebook में अपना विकास किया है twitter में अगर आप किसी को फॉलो करते हैं तो जिसको ऑफ फॉलो कर रहे हैं वह भी सदा ही आप को फॉलो करने लग जाएगा इसी तरह से facebook पर अगर आप किसी की पोस्ट को लाइक करते हैं तो वह भी आपकी पोस्ट पर ध्यान देगा और लाइक करेगा और शेयर करेगा
और उपकार करते समय यह भाभी रहता है कि हम पहले वाले से ज्यादा बड़े हैं बड़ा दिल है
उदाहरण के लिए एक होटल में केस स्टडी की गई
A.खाने की टेबल पर जब वेटर बिल लेकर आया और bill के साथ दो चॉकलेट भी रखी तब उससे मिलने वाली टिप का मूल्य ट्रिप की राशि की 6 या 3 प्रतिशत था
यहां यह भी ध्यान रखने योग्य है कि आप किसी को कोई प्रेजेंट कैसे प्रस्तुत करते हैं आपका प्रस्तुतीकरण भी अच्छा होना चाहिए
B दूसरे प्रयोग में वेटर द्वारा दो चॉकलेट को एक अच्छी तरह से पैक करके दिया तब वेटर को मिलने वाली टिप्स दुगनी हो गई यानी कि 12 से 15 परसेंट
यानी आप जो भी देंगे वो पर्सनल और unexpected होनी चाहिए , आपने क्या दिया उससे ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया कि आपने कैसे दिया साथ साथ में आपने कस्टमर की संतुष्टि का भी ध्यान रखना
2. Scarcity स्कार्सिटी (shortage, दुर्लभता)
किसी भी वस्तु की कमी होना हमें जरा सा भी महसूस होता है कि इस चीज की कमी है तो हम स्वभाव से व्यवहारिक रुप से उस चीज को जल्दी से जल्दी अपने पास अपने अधिकार क्षेत्र में करना चाहते हैं की कहीं वह हमारे हाथों से दूर नहीं चली जाए बनस्पति आसानी से उपलब्ध वस्तुओं के
ऐसे ही एक बार 2003 में ब्रिटिश एयरवेज ने अनाउंस किया यात्रियों के द्वारा अपनी यात्रा की पहले बुकिंग नहीं कराने पर हवाई यात्रा की सेवाओं को London -New York के बीच एक दिन में दो बार नहीं चलाएगी क्योंकि वह काफी महंगी साबित हो रही है इसका प्रभाव यह पड़ा कि दूसरे ही दिन उसकी विमान की सारी सीटें बहुत पहले ही बुक हो गई
इसमें ब्रिटिश एयरवेज मैं कोई एक्स्ट्रा फट गया गाना अपनी सर्विस को एक्स्ट्रा बढ़ाया और ना ही एक्स्ट्रा पेट्रोल लगा
लेकिन इस से एक बात निश्चित हो कि यात्रियों ने यह सोचा कि अगर उसने आने वाले ऑफर को नहीं माना तो वह फायदेमंद सर्विसेज को हमेशा के लिए खो देगा
3.Authority इसका मतलब गुडविल है
इंसान विश्वसनीयता पर विश्वास करता है
एक उदाहरण से यह सामने आया है कि मरीज इस डॉक्टर की बताई हुई बातों का ज्यादा पालन करते हैं जिसने अपनी टेबल पर अपने केबिन पर अपने सर्टिफिकेट डिस्प्ले कर रखें होते हैं वनस्पति उनके उनकी जिन्होंने अपने केबिन में सिर्फ टेबल कुर्सी लगा रखी है और कोई भी सर्टिफिकेट या चिकित्सा से संबंधित इनवायरमेंट नहीं बना रखा है
इसी तरह से पार्किंग में हम अगर कोई बिना वर्दी के पैसा मांगता है तो यह हमारे लिए आसान नहीं होता लेकिन यहीं पर कोई वर्दी में अथॉरिटी बनकर आप से रेंट मांगता है तो आप उसे आसानी से दे देते हैं
वेबसाइट पर भी अगर कहीं जरा सा भी हॉल मार्क लगा होता है चाहे वह सिक्योर हो या नहीं हो एक बार उसकी विश्वास नहीं था हमारे मस्तिष्क ऊपर प्रभाव डालती है
4.Consistency/Commitment:
मतलब लगातार सही परिणाम या एक ही चीज को सही तरीके से बार-बार करना कस्टमर उसी चीज पर बार बार विश्वास करता है जिसको उसने पहले इस्तेमाल किया होगा उसी कंपनी का प्रोडक्ट हो या जिस के कहने पर किए गए कार्य से फायदा हुआ हो
A प्रेक्टिकल उदाहरण लेते हैं यदि आपके पास 5 pizza डिलीवरी के लिए फोन नंबर हैं
उनमें से आप किन्ही तीन नंबर पर पिज्जा का आर्डर देते हैं आप को उनमें से ले दो जगह से सही समय पर और आपके अनुसार डिलीवरी हो जाता है
अगली बार आर्डर देते समय निश्चित रुप से आप इन्ही दो में से किसी एक को ऑर्डर करेंगे
मनुष्यों में एक प्रवृति होती है की वह समाज में या दूसरे मनुष्यों के सामने अपने आपको अपनी कही बात पर कमिटेड बताना चाहता है और दूसरों को भी उसके लिए प्रेरित करना चाहता है अपने जैसा ही बनाना चाहता है
इस सिद्धांत का प्रयोग वेबसाइट और इंटरनेट मार्केटिंग मैं काफी इस्तेमाल करते हैं
यूजर्स को सब्सक्राइब करते हैं और उसके पास मेल भेजने हैं इस तरह से कस्टमर को लॉयल कस्टमर बना लेते हैं free trials का ऑफर देते हैं और इस तरह से विजिटिंग पीरियड के बाद खरीदने का वादा ले लेते हैं इसी तरह से किसी भी वेबसाइट की hosting लेते समय एक महीने पर किसी की सर्विस पसंद ना आने पर सर्विस का Amount वापस किए जाने की बात करके उससे आगे के लिए भी डिस्काउंट दे कर के उत्तरदाई बनाया जाता है
5.Sympathy and Likeability
हम ज्यादातर उनकी बात ही मानते हैं जिनको हम पसंद करते हैं
और हम उन्हीं लोगों को ज्यादा पसंद करते हैं जो हमारे जैसे हो हमारे जैसे बोलते हो हमारे जैसे पहनते हो और प्रभावी व्यक्तित्व हो
सहानुभूति किसी चीज को भेजने की कुंजी इस दुनिया में बिना सहानभूति के भी कोई चीज बिकती है
6.Social Proof
जब हम कभी भी किसी के डिसीजन के लिए उलझन की स्थिति में होते हैं तो हम जनता का सहारा लेते हैं यानी कि अधिकतर आदमी जो कर रहे हैं हैं हम उसी को फॉलो करते हैं
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप किसी अनजान जगह पर गए हैं और आपको खाना खाना है आप इधर उधर घूमते हैं तो आपको दो रेस्टोरेंट नजर आते हैं तो साधारणतया आप उसी रेस्ट्रोरेंट कोशिश करेंगे जिस में ज्यादा भीड़ हो यानी आप तुरंत सामाजिक स्वीकार्यता के नियम की आधार पर अपना निर्णय कर लेंगे
Facebook पर आप उस पोस्ट को लाइक करते हैं जिसे पहले काफी जनों ने किया हो आपने देखा होगा कि वेबसाइट पर प्रोडक्ट को सर्च करते समय एक मैसेज दिखाई देता है कि 9 में से 10 आदमियों ने इसको परचेस करने के लिए रिकमेंड किया है इस प्रकार से किसी वस्तु के लिए सोशल एवं सामाजिक स्वीकार्यता का अनुभव करवाना है
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